क्या है? :- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का चंद्र अन्वेषण हेतु बनाया गया मिशन ।
 कार्यक्रम को 2 भागो में बांटा जा सकता है:-
 1) चंद्रयान-1
 2) चंद्रयान -2
                                चंद्रयान-1
 यह मानव रहित यान है । जिसका लॉन्च 22 अक्टूबर 2008 में किया गया तथा यह 30 जुलाई 2009 तक सक्रिय रहा।
इसको PSLV रॉकेट द्वारा छोड़ा गया था।
इसका मुख्य कार्य चंद्रमा की परिक्रमा करना ।
इसके उद्देश्य :- चंद्रमा की सतह के विस्तृत नक्से तथा पानी के अंश व चंद्रमा पर हीलियम की तलाश साथ ही रिमोंट सेंसिंग उपकरणों की सहायता से चन्द्रमा की ऊपरी सतह के चित्र भेजना था।
इसकी लगता लगभग 380 करोड़ रूपये थी जो अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम थी।
 मिशन द्वारा चंद्रमा पर पानी की पुष्टि की गई।
 
 
                                 चंद्रयान 2
यह भी मानव रहित यान है। जिसका लॉन्च 22 जुलाई2019 को किया गया।
यह 2nd लूनर एक्सप्लोरेशन  मिशन है।
आंध्रप्रदेश के श्री हरि कोटा से भेजा गया।
इसका भार 3840kg
पूर्णतया स्वदेशी मिशन।
इसके 3 भाग है :-
   1) ऑर्बिटर  :- पेलोड-8
   2) विक्रम लेंडर ( विक्रम सारा भाई के नाम पर ) :-पेलोड-3
   3) रोवर प्रज्ञान ( अर्थ बुद्धिमत्ता ):- पेलोड-2
 इसका प्रक्षेपण यान GSLV  MK 3 है जिसका अन्य नाम बाहुबली है इसमें स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन CE-20 का प्रयोग यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा । यहाँ अभी तक किसी भी देश द्वारा अभी तक कोई लेंड नही करवाया गया है ।
उद्देश्य:-चन्द्रमा पर सॉफ्ट लेंडिंग करवाना।
           चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी की मात्रा की खोज ।
            सतह पर मौजूद खनिज ,रसायन तथा उनके वितरण का अध्ययन।
            मौसम का अध्य्यन।
            भूकंपीय गतिविधियों तथा बाह्य वातावरण की तापीय भौतिक का अध्ययन ।
भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिग करने वाला 4th होगा । भारत से पहले अमेरिका रूस व चीन द्वारा किया गया परन्तु भारत द्वारा इस मिशन पर केवल 930 करोड़ रुपये ख़र्च जो कि अन्य देशों के अपेक्षा बहुत कम है ।
  नोट :- लेडर और रोवर असफल रहे । ऑर्बिटर को सफलता पूर्वक स्थापित कर दिया गया । चन्दमा की सतह से कुछ ऊँचाई पर लेडर से सम्पर्क टूट गया।